जानें, कोरोना वायरस और सामान्य फ्लू के लक्षणों में कैसे करें अंतर?

जानें, कोरोना वायरस और सामान्य फ्लू के लक्षणों में कैसे करें अंतर?

अम्बुज यादव

एक तरफ बदलते मौसम की मार लोग झेल ही रहे हैं। वही दूसरी तरफ बिन मौसम बरसात ने लोगों की हालत खराब कर रही है। मौसम की इस मार ने लोगों को बीमार करना शुरु कर दिया है। दरअसल तेज बरसात के बाद तेज धूप होने से कई तरह की बैक्टीरियल और वायरल बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। सुबह-शाम में ठंडी और दोपहर में गर्मी, उस पर कभी-कभार तेज बरसात ने लोगों की हालत काफी खराब की हुई है। मौसम की ये सारी गतिविधियां एक साथ होने पर वायरस और बैक्टीरिया के बढ़ने का खतरा भी बढ़ा जाता है। इसलिए ऐसे मौसमों में लोगों को सर्दी-जुकाम और खांसी की समस्या होती रहती है। वहीं इन दिनों उत्तर भारत समेत पूरे विश्व में कोरोना का कहर जारी है और उसके भी लक्षण सीजनल बीमारियों से मिलते जुलते है। ऐसे में जरुरी है कि हमें सीजनल बीमारी और कोरोना के लक्षणों में फर्क पता रहें। अन्यथा हम बिना मतलब के गलतफहमी के शिकार हो जाएंगे। आज हम यही जानेंगे लेकिन सबसे पहले आइए जानते हैं कि आखिर सीजनल बीमारियों में कौन-कौन सी बीमारियां होती हैं और क्यों होती हैं? 

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मौसम बदलने से बढ़ सकती हैं कई बीमारियां

दिन और रात के तापमान और वातावरण में नमी के कारण इन दिनों कई तरह की बीमारियां फैल सकती हैं, जो छोटे बच्चों और बुजुर्गों को अपना शिकार बना सकती हैं। इसके अलावा इन बीमारियों का खतरा उन लोगों को भी होता है, जिन लोगों की इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कम होती है। ये बीमारियां निम्न हैं-

  • सामान्य फ्लू
  • बुखार और जुकाम
  • जुकाम और खांसी
  • शरीर में दर्द (बॉडी पेन)
  • गुप्तांगों के आसपास बैक्टीरियल इंफेक्शन
  • त्वचा पर खुजली और दाद की समस्या
  • फूड पॉयजनिंग
  • पेचिश (डायरिया)
  • नाक बहने की समस्या
  • बालों के झड़ने की समस्या आदि।

कोरोना वायरस और सामान्य फ्लू में कैसे करें अंतर?

इन दिनों कोरोना वायरस का खतरा भी उत्तर भारत के कई राज्यों- दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा आदि में फैला हुआ है। इसलिए सामान्य जुकाम-बुखार और खांसी आने पर कई लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज हो सकते हैं कि कहीं उन्हें कोरोना वायरस ने तो नहीं प्रभावित किया है। आपको बता दें कि कोरोना वायरस के मामले अभी बहुत सीमित देखे गए हैं और इससे बचाव के लिए भारत सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय भी काफी एक्टिव है। इसलिए इस वायरस से बचाव के लिए आपको जरूरी सावधानियां बरतना तो जरूरी है ही, लेकिन आपको इस बात को लेकर भी सचेत रहना है कि बरसात के कारण दूसरे कई तरह के फ्लू, इंफेक्शन और वायरसों का खतरा भी बढ़ जाता है।

लक्षण हैं थोड़े अलग

अगर किसी व्यक्ति को बुखार, खांसी और छींक आ रही है, तो उसे डॉक्टर से मिलकर अपनी समस्या बतानी चाहिए और उनके द्वारा बताई गई जांचें करानी चाहिए। ये लक्षण सामान्य मौसमी बीमारी और फ्लू आदि के हो सकते हैं। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार सामान्य फ्लू 1-2 सप्ताह में ठीक हो जाता है।

मगर यदि किसी व्यक्ति को इन लक्षणों के साथ-साथ सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो आपको बिना देरी किए तत्काल अपने नजदीकी अस्पताल में संपर्क करें। दरअसल कोरोना वायरस और फ्लू में अंतर यही है कि कोरोना वायरस व्यक्ति के रेस्पिरेटरी सिस्टम को खराब कर सकता है, सेप्टिक शॉक दे सकता है या मल्टिपल ऑर्गन डिस्फंक्शन का कारण बन सकता है। कोरोना वायरस को लेकर घबराएं नहीं और अफवाहों पर ध्यान न दें। इसके लक्षणों को ठीक किया जा सकता है। दुनियाभर में 55,000 से ज्यादा लोगों को ठीक किया जा चुका है, वहीं भारत में भी केरल के 3 मरीजों को ठीक किया जा चुका है।

मौसमी बीमारियों और कोरोना वायरस से बचने के लिए क्या करें?

  • बेमौसम की बरसात के कारण जिन बीमारियों की संभावना है, उनसे, साथ ही साथ कोरोना वायरस से बचाव के लिए भी आप कुछ खास चीजों का ध्यान रखें, तो आसानी से बच सकते हैं।
  • छींकते और खांसते समय रूमाल, टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करें। अगर यह नहीं है, तो अपनी हथेलियों के बजाय बांहों का इस्तेमाल करें।
  • ऐसे लोग जिन्हें जुकाम, छींक और खांसी है, उनसे कम से कम 1 मीटर की दूरी बना कर रखें।
  • खाने में फलों, सब्जियों, नट्स, अनाज, दालें और हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें, ताकि आपके शरीर को सभी पौष्टिक तत्व मिल सकें और आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े।
  • जब भी किसी से मिलें, हाथ मिलाएं या पब्लिक और ओपन यूज वाली चीज को छुएं, तो तुरंत अपने हाथों को साबुन से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं या सैनिटाइजर से हाथ साफ करें।
  • अपने मुंह, चेहरे, नाक और आंखों को बार-बार न छुएं। अगर जरूरी हो, तो हाथों को सैनिटाइजर से साफ करके ही छुएं।
  • गीले या नम कपड़े न पहनें क्योंकि ये बैक्टीरियल इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं।
  • खाने में लहसुन, अदरक, प्याज, हल्दी, दालचीनी आदि का प्रयोग जरूर करें, क्योंकि ये आयुर्वेदिक औषधियां एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुणों से भरपूर होती हैं और इम्यूनिटी बढ़ाती हैं।

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